मंदसौर: शहर के संजीत नाके पर 30 करोड़ की लागत से बन रहे ओवरब्रिज का काम अभी तक पूरा नहीं किया गया है. इस ओवरब्रिज का भूमि पूजन साल 2018 में हुआ था. लेकिन आज 2023 का वर्ष भी आधा बीत जाने के बाद भी काम पूरा नहीं हो पाया है. लिहाजा, करीब 15 कॉलोनियों सहित एक दर्जन से ज्यादा गांव के लोगो को प्रत्येक दिन परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ओवर ब्रिज के आसपास के रहवासी तो जान जोखिम में डालकर पटरी पार करने पर मजबूर हैं.
विभाग और विधायक को लेकर बना चर्चा का विषय
विभाग और विधायक के दावों को लेकर यह ब्रिज चर्चाओं में है. विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने मार्च 2023 में ब्रिज का काम पूरा होने का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन काम पूरा नही हो पाया, तब यह मामला विधानसभा सदन में बजट सत्र के दौरान उठाया गया. विभागीय मंत्री ने जून के महीने में काम पूरा होने का दावा किया था. अब विधायक के वादे के बाद विभागीय मंत्री की भी डेडलाइन खत्म हो गई है, लेकिन काम अभी भी अधूरा है. संजीत नाके से रेलवे स्टेशन नजदीक होने के कारण यहां ट्रेनों का आवागमन भी अधिक रहता है. ऐसे में लोग जान जोखिम में डालकर रेल की पटरी पार कर रहे हैं.
कंपनी को कर दिया ब्लैकलिस्ट
जानकारी के मुताबिक ब्लैक लिस्टेड कंपनी पर अफसरों की मेहरबानी भारी पड़ रही है. ओवरब्रिज का निर्माण करने वाली कंपनी को देरी के कारण कई बार नोटिस दिए जा चुके हैं, लेकिन कार्रवाई एक भी बार नहीं हुई है. कंपनी को ब्लैक लिस्टेड तक करार कर दिया गया है.
क्या होगा अगला?
इस संजीत नाके पर ओवरब्रिज के काम की अवस्था देखने में स्पष्ट है कि आम जनता को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। विभाग और विधायक के बीच हुई चर्चा भी इस मुद्दे पर रोशनी नहीं ला सकी है। यहां के लोग जान जोखिम में डालकर रेल की पटरी पार करने का सामर्थ्य बना रहे हैं। इस सभी तकनीकी और प्रशासनिक समस्याओं के बावजूद, इस प्रकल्प को जल्दी से पूरा करने की आवश्यकता है ताकि लोगों को सुरक्षित और सुविधाजनक पटरी पार करने में सहायता मिले।