नागौर: श्री. बी. आर. महाविद्यालय जर्जर व्यवस्था की मार झेल रहा था, इसी बीच कॉलेज के समस्त स्टाफ और विद्यार्थियों ने मिलकर किया है. और इसको बेहतर स्थिति में लाया दिया, बता दें कि यहां की दीवारों से कलर गायब हो रहा था. लेकिन सभी ने मिलकर कार्य करने का सोचा तो महाविद्यालय की सूरत ही बदल गई. प्राचार्य हरसुख छारंग ने बताया कि जब महाविद्यालय में जब मैने प्राचार्य के पद पर ज्वॉइनिंग की तब महाविद्यालय में कई चीजों की कमी थी. तो विद्यार्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुऐ कई निर्माण कार्य महाविद्यालय में करवाए है. जिसमें स्थानीय लोगो तथा भामाशाहों का सहयोग भी रहा है.
महाविद्यालय में सबसे पहले रंग रोगन का काम करवाया क्योंकि महाविद्यालय परिसर में दिवारों का कलर खराब हो रहा था. उसके बाद जर्जर कमरों को पुन ठीक करवाया.वहीं कॉलेज में इस वर्ष 60 से अधिक ट्री-गार्ड और पेड़ लगाए गए है.जहां राजस्थान के दूसरे महाविद्यालयों में हर प्रकार की सुविधा होती थी लेकिन नागौर के महाविद्यालय में कुछचीजों की कमी थी.
कॉलेज में डिजीटल लाइब्रेरी का हुआ निर्माण
पहली बार कॉलेज में स्टेडियम का निर्माण हुआ, डिजीटल लाइब्रेरी का बनाना ( जो जल्द कार्य पूरा करके शुरु होने वाली है.), कैंटीन का निर्माण, ट्रैक का निर्माण, महाविद्यालय परिसर में सबसे बड़ी समस्या शुलभ कॉम्पलैक्स की थी जो अभी पूरी हुई, यह कुछ निर्माण कार्य इस वर्ष हुऐ है. महाविद्यालय में इतने निर्माण कार्य फीके लग रहे है क्योंकि महाविद्यालय की होनहार छात्राओं ने मिलकर महाविद्यालय की दिवारों पर अपने हाथ का जादू बिखरा है.
दीवारों पर की गई शानदार चित्रकारी
क्योंकि यहां पर रंग बिरंगी कॉलेज की दीवारों पर चित्राकारी की गई है जो कॉलेज के इतिहास में पहली बार हुआ. यहां पर मुख्य गेट पर चित्रकारी करना, कॉलेज की दिवारों पर चित्रकारी जिसमें आधुनिक व राजस्थानी संस्कृति का संगम देखने को मिलता है.
इस खबर के अंत में हमारा अपना नजरिया:
महाविद्यालय में विद्यार्थियों के सहयोग और संयम की मुख्य कारण से महाविद्यालय की स्थिति में सुधार हो रहा है. इससे छात्रों को न केवल बेहतर अध्ययन के अवसर मिल रहे हैं, बल्कि उन्हें अपनी स्वास्थ्य सेवाओं और शौर्य का भी प्रभार मिल रहा है. यह महाविद्यालय के सभी प्रयासों की सफलता है और इससे हमारी समाज में शिक्षा के प्रति उत्साह बढ़ रहा है।