नई दिल्ली: कोरोना महामारी का प्रकोप तो दुनिया से अब लभगभ समाप्त हो चुका है, लेकिन उसका असर अब भी बना हुआ है. एक रिसर्च में सामने आया है कि यदि आपको लंबे समय तक कोविड संक्रमण से पीड़ित रहना पड़ता है, तो यह संक्रमण आपके दिमाग पर न्यूरोलॉजिकल (मस्तिष्कीय) प्रभाव कम से कम दो साल तक बना रह सकता है. वैज्ञानिकों ने प्रकाशित एक अध्ययन में बताया है कि कम से कम 12 हफ्तों तक कोविड के लक्षण होने की जानकारी रखने वाले लोगों में संक्रमण के बाद दिमागी याददाश्त और तार्किक क्षमता पर 2 साल तक असर देखा जा सकता है.
वैज्ञानिक नाथन चीथम ने बताया कि इस अध्ययन से यह साबित हुआ है कि कोविड संक्रमण का प्रभाव काफी व्यापक होता है और किसे सबसे ज्यादा प्रभावित होता है. लंग कोविड (Long Covid) के लक्षणों में थकान, श्वास की समस्या, हृदय संबंधी कठिनाइयां, पाचन प्रणाली की समस्या और न्यूरोलॉजिकल दिक्कत जैसे ब्रेन फॉगिंग, सुन्नता, चक्कर और थकान शामिल होती हैं.
न्यूरोलॉजिस्ट एना एस. नॉर्डविग ने बताया कि संज्ञानात्मक (कोग्निटिव) कमी दर्शाई जाती है और यह कोविड संक्रमित रोगियों में आम लक्षण है. वह ने कहा, “हमने देखा है कि यह कमी लंबे समय तक बनी रहती है और लोग इससे जीने की आदत डाल लेते हैं.”
इस रिसर्च में 3335 स्वैच्छिक प्रतिभागियों का अवलोकन किया गया, और यह पाया गया कि जिन प्रतिभागियों को 12 हफ्ते या उससे अधिक समय तक कोविड के लक्षण रहे थे, उनमें संज्ञानात्मक कमी अधिक मात्रा में पाई गई.
अद्वितीय दृष्टिकोण:
यह अध्ययन लंग कोविड के संक्रमण के दिमाग पर दिखाए गए न्यूरोलॉजिकल प्रभावों का महत्वपूर्ण अनुसंधान है। कोविड संक्रमण से प्रभावित लोगों के लिए यह जानना अहम है कि वे संक्रमण के बाद भी दिमागी समस्याओं का सामना कर सकते हैं और इसके लिए उन्हें उचित चिकित्सा सहायता और समर्थन की जरूरत होती है। इस संशोधन के माध्यम से संज्ञानात्मक कमी को समझने का मौका मिलता है और उपयुक्त बदलावों की जरूरत पता चलती है।