दुनिया में विभिन्न प्रकार के जीव-जंतु होते हैं। हर जीव की अपनी विशेषता होती है। कुछ जीव शहर और गांव दोनों जगहों पर दिखते हैं, और कुछ जीव सिर्फ गांव और जंगलों में ही पाए जाते हैं। इसी तरह के जीवों में से एक है जुगनू, जो लाइटिंग बग के नाम से भी जाना जाता है। लोगों को जुगनू को जलते और बुझते देखना बहुत पसंद होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि जुगनू चमक क्योंते हैं ?
पहले के वक्त में, गांवों या किसी भी प्राकृतिक जगह पर जुगनू की पूरी खाप देखना आसान था। लेकिन अब वक्त बदल चुका है और जुगनू आपको बहुत कम बार दिखाई देते हैं। वे लापता होती जा रही हैं और इसीलिए इन्हें लंबी लंबी प्रजातियों के तहत शामिल किया जाता है। जुगनू को चमकने की कला को उनकी रचनाएँ देती है, जिसके पीछे वजह और विज्ञान है।
जुगनू के चमकते दिखने के कई तस्वीरें और वीडियोज़ देखे होंगे, लेकिन आज हम आपको इसकी नज़दीक से एक वीडियो दिखा रहे हैं, जहां इसे एक बिजली की तरह जलते और बुझते हुए देखा जा सकता है। उनकी चमक के पीछे एक वजह होती है, कहा जाता है कि जुगनू इसलिए चमकते हैं क्योंकि वे मादा जुगनुओं को आकर्षित करते हैं और खाद्य की तलाश में रहते हैं। जुगनू तीन रंगों में चमकते हैं – हरा, पीला और लाल। एक दिलचस्प तथ्य यह भी है कि जुगनू के अंडे भी चमकते हैं।
एक खास कैमिकल से पैदा होती है चमक
नर और मादा जुगनू को पहचानना मुश्किल नहीं होता। मादा जुगनू के पंख नहीं होते हैं और वे एक ही स्थान पर चमकती हैं। वहीं, नर जुगनू के पंख होते हैं और वे उड़ते हुए आसमान में भी चमकते रहते हैं। यह जैविक जीव साल 1667 में जीव वैज्ञानिक रॉबर्ट बॉयल द्वारा खोला गया था। उन्होंने कहा था कि जुगनू फास्फोरस की वजह से चमकते हैं, लेकिन बाद में वैज्ञानिकों ने बताया कि यह चमक ल्यूसिफेरिन नामक प्रोटीन की वजह से अंधकार में पैदा होती है।
जुगनू जैसे जीवों की चमक और प्रकाश अद्वितीय होता है। इनकी चमक सबको चौंका देती है और इसलिए लोगों की रुचि बनी रहती है। जुगनू स्वभावतः ही प्राकृतिक हैं और इनकी रोशनी से लोग वाकई प्रभावित हो जाते हैं। हमें जुगनू जैसे जीवों का ध्यान रखकर प्रकृति के अनुरूप जीने की प्रेरणा लेनी चाहिए।
-खबर बाज़ार