रामकुमार नायक/ रायपुर: भारत के हर राज्य या शहर में कुछ न कुछ जरूर फेमस है. जैसे बिहार का लिट्टी-चोखा, सत्तू का पराठा और अमर पीठा, कोलकाता के लेमचा मिठाई और गुलाब जामुन, बीकानेर का भुजिया रसगुल्ला, आगरा का पंछी पेठा और कचौरी और दालमोथ, ओडिसा का छेना पोडा, पलामू का लखटो, धमतरी के मूंग बड़े, रायपुर, मधु स्वीट्स के समोसे वैसे ही छोटा नागपुर यानी जशपुर का धुस्का, टमाटर की चटनी और गरम गरम आलू की रसदार सब्जी खाने का मजा ही कुछ और है. जशपुर नगर के श्री ननका गुप्ता के स्वादिष्ठ जायेकेदार धुस्के रस्सेदार आलू, हरी मिर्च की चटनी के साथ खाकर आप खुश हो जाएंगे.
क्या होता है धुस्का
धुस्का के आम तौर पर दो प्रकार होते हैं. एक चावल और चावल के आटे के साथ जिसे मोटा रोटी भी कहा जाता है और दूसरा जशपुर का धुस्का है जो चावल, चना दाल और उड़द दाल का एक गहरा घोल है. जशपुर का धुस्का झारखंड से प्रभावित है क्योंकि जशपुर झारखंड सीमा पर है.
जशपुर नगर का बस डिपो वह जगह है जहां आपको सबसे अच्छा धुस्का मिल सकता है. अनोखे और अद्भुत आलू धुस्का के लिए ननका गुप्ता जी के ठेला पर जा सकते हैं. जहां आप उस क्षेत्र में पारंपरिक धुस्का खा सकते हैं. चने की रस्सेदार सब्जी के साथ दो आलू धुस्का सिर्फ 10 रुपए में मिल जाएगा.
धुस्का बनाने आवश्यक सामग्री
एक कप चावल, 1/2 कप उड़द दाल, 1/2 कप चना दाल, एक चम्मच बेकिंग सोडा, डीप फ्राई करने के लिए तेल और नमक स्वाद अनुसार की आवश्यकता होती है.
चावल, चना दाल और उड़द दाल को रात भर पानी में भिगो देते हैं. अगले दिन इन सभी को एक साथ पीसकर मुलायम पेस्ट बनाते हैं. पेस्ट में एक कप पानी मिलाकर बैटर की कंसिस्टेंसी डोसा बैटर जैसी ही तैयार करते हैं. स्वादानुसार नमक और बेकिंग सोडा डालकर इसे अच्छे से मिलाते हैं. डीप फ्राई करने के लिए तेल गरम होते ही बैटर को कलछी से सीधे तेल में डालते हैं. एक बार में 3-4 धुस्का बना सकते हैं. याद रखें कि जब बैटर डालेंगे तो आंच तेज होनी चाहिए. इसे हल्का भूरा होने तक डीप फ्राई करना होता है.जिसमें आमतौर पर 8 मिनट का समय लग जाता है. फिर लाल मिर्च और लहसुन की चटनी के साथ या आलू – चने की रस्सेदार सब्जी के साथ गरमागरम परोस सकते हैं.
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