विशाल भटनागर/मेरठ. देश को आजाद कराने के लिए न जाने कितने क्रांतिवीरों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया था. कुछ तो ऐसे बलिदानी है जिनके नाम से आज भी देश अनजान है. ऐसे ही गुमनाम क्रांतिकारियों के गांव-गांव जाकर क्रांतिवीर अमृत महोत्सव योजना समिति के पदाधिकारी उनकी माटी को एकत्रित कर नमन कर रहे हैं. जिससे कि देशवासी उन क्रांति वीरों के बलिदान को जान सके.
क्रांतितीर्थ अमृत महोत्सव योजना समिति के प्रांत सह संयोजक डॉ नवीन गुप्ता ने बताया कि 10 मई 2023 को क्रांति तीर्थ अमृत महोत्सव योजना समिति द्वारा यह कार्य शुरू किया गया. जिसमें 14 जनपदों के क्रांतिकारियों को नमन करने के लिए समिति के पदाधिकारी उनके गांव गांव जा रहे हैं. इतना ही नहीं उन्होंने बताया कि उनकी खेत, घर की आंगन की माटी को भी एक कलश में एकत्रित किया जा रहा है.
प्रदेश और केंद्र सरकार को दिए जाएंगे कलश
डा. नवीन गुप्ता कहते हैं कि समिति के पदाधिकारियों द्वारा एकत्रित किए गए माटी के कलश को केंद्र और प्रदेश सरकार को भेजे जाएंगे. जिसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है. जैसे ही दोनों सरकारों से परमिशन मिलेगी. उसके बाद उन सभी अमर क्रांतिकारियों को नमन करते हुए इन कलश को सरकार तक पहुंचाया जाएगा. समिति के इस प्रोग्राम के माध्यम से जो गुमनाम क्रांतिकारी हैं. उनके भी नाम सामने आ गए हैं. हालांकि, समिति के पदाधिकारी द्वारा पूर्ण रूप से जांच की जा रही है. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘मेरी माटी मेरा देश’ जो कार्यक्रम लॉन्च किया गया है. इससे समिति के पदाधिकारी को और भी हौसला मिला है.
गांव को दिया गया है क्रांति तीर्थ का नाम
डॉक्टर नवीन कहते हैं कि जितने भी क्रांतिकारियों के ऐसे गांव हैं. उसको तीर्थ के रूप में समिति द्वारा नाम दिया गया है. इसी वजह से समिति का नाम भी जो रखा गया है. उसको भी क्रांतिक तीर्थ अमृत महोत्सव योजना समिति दिया गया है. गौरतलब है कि प्रथम संपद संग्राम में अहम योगदान निभाने वाले शहीद धनसिंह कोतवाल के गांव पांचली खुर्द, बहसूमा, भामोरी, मवाना, बिजनौर सहित विभिन्न क्रांतिकारियों के गांव की मिट्टी को एकत्रित कर कलश में रखा गया है.
यह खबर बताती है कि क्रांतिकारियों की याद में एक पहल की गई है, जिसमें सभी गांवों की मिट्टी एकत्रित की जा रही है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो देशवासियों को क्रांतिवीरों के बलिदान को याद दिलाने का उद्देश्य रखता है। इस पहल के माध्यम से, हम अपने देश की वीरता और स्वतंत्रता पर गर्व महसूस कर सकते हैं।